₹post from
post from-melbet-india-net भारत के स्थानीय मेलाों में खेलाड़ी को अपनी चालाकी और तेज़ी से विपक्षियों को मात देनी होती हैये क्रीड़ा अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न रूपों में खेले जाते हैं।
post from-mostbet-br रिवाज़ी मेलाों में खेलाड़ी को फुर्ती, ताकत और समय प्रबंधन की अच्छी समझ होनी चाहिएये क्रीड़ा सामूहिक भागीदारी और प्रतिस्पर्धा का अच्छा उदाहरण हैं।